प्राचीनकाल में महर्षि यमदग्नि (परशुराम के पिता) की तपोस्थली एवं कालान्तर बुद्ध काल के क्रिया कलापों में महत्वपूर्ण स्थान मच्छिका सण्ड (मछलीशहर) एवं कीटगिरि (केराकत) को अपने में समेटे जौनपुर शहर का नाम जौनपुर अपने संस्थापक जूना शाह के नाम पर सन् 1360 में रखा गया।
17 वीं शताब्दी एवं 18 वीं शताब्दी में सूती वस्त्र एवं इत्र उघोग के लिये प्रसिद्ध जौनपुर 15 वीं शताब्दी में जहॉ महादेवी आन्दोलन में सक्रिय भूमिका का र्निवाह करता था वही उसे अन्तिम शर्की शासन हुसैन शाह शर्की का नाम संगीत रागो हुसैनी, कन्हारा एवं टोडी की उत्पत्ति के साथ जोड़ा जाता है। किवदन्ती है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में रोटी और कमल रूपी प्रतीक की योजना जौनपुर के मौलाना करामत अली की ही थी।
आदि गंगा गोमती के दोनो तटो पर बसा जौनपुर वर्तमान में अपनी 6 तहसीलों एवं 4038 वर्ग कि0मी0 क्षेत्रफल के साथ उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिलो में है इसमे 2 लोकसभा क्षेत्र, 9 विधान सभा क्षेत्र, 6 तहसील एवं 21 विकास खण्ड सम्मिलित है।